ना बोलो तुम
ना बोलू मैं
खामोशी अपनी
कहानी कह जाए
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मौसम रखता है
पाई पाई का हिसाब
हो बरसात तो
सारी सफाई हो जाए
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तुम्हारे होने से
जश्न है माहौल में
तुम वाह कह दो
तो दीवाली हो जाए
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दरम्या कुछ नहीं
हमारे
फिर भी, मुस्कुरा दो
तो शाम सुहानी हो जाए
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