बिहार से लिकलने वाले प्रमुख अग्रेजी अखबार द इंडियन नेशन में रिपोर्टिंग और कार्टूनिस्ट के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत कर सुदर्शन न्यूज चैनल का एडिटर और चैनल हेड बनने तक के सफर के बीच काफी पड़ाव आए। समकालीन तापमान मासिक पत्रिका में रिपोर्टर और उप संपादक, प्रभात खबर में रिपोर्टर/उप संपादक और फीचर एडिटर, देश के पहले क्षेत्रीय चैनल ग्रुप ईटीवी में एंकर/प्रोड्यूसर, सहारा समय में रिपोर्टर/ब्यूरो प्रमुख, टोटल टीवी, (विशेष संवाददाता के रूप में चार वर्षो तक पार्लियामेंट की रिपोर्टिंग) और फिर साधना ग्रुप के क्षेत्रीय न्यूज चैनलों में संपादक और चैनल हेड के रूप में कार्य।
हरियाणा के क्षेत्रीय न्यूज चैनल खबर फास्ट के मैनेजिंग एडिटर के रूप में चैनल को दिल्ली में लॉन्च करना तत्पश्चात साधना के हरियाणा न्यूज की शुरुआत, क्रमशः सिलसिला जारी है।

अपने 25 वर्षां की यात्रा के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन कभी भी इसे छोड़ने का विचार मन में नहीं आया. पत्रकारिता के प्रति मेरा यह लगाव ही मुझे अब तक इससे जोडे़ रखा है। इसे रोटी कमाने का जरिया बनाने का विचार कभी मन में नहीं आया लेकिन आज इसी की रोटी और पराठे खा रहा हूं।
कॉलेज के दिनों से लेकर आज तक अपने अनुभवों को अपनी भावनाओं को शब्दों में अनुवाद करने की कोशिशें चलती रही। कभी गणित की कॉपी पर कभी अखबार के विज्ञापनों के बीच कभी रद्दी की कतरनों पर तो कभी मैगजीन की पीठ पर जब जो समझ में आया लिखता रहा…लेकिन उसे कभी संकलित नहीं किया। क्रमशः उन्हीं रद्दी और लुगदी लेखनी की कतरनों को भी समेटने की कोशिश भी है।
सहरसा, महिषी मेरा पैतृक गांव है। महिषी पर मां तारा की असीम कृपा है गांव की पहचान ही मां तारास्थान से है। बिहार की राजधानी पटना मेरा जन्मस्थान है। मेरी शिक्षा पटना सेंट्रल स्कूल औेर पटना विश्वविद्यालय में पूरी हुई। पटना विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा के बाद गुरू जाम्बेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट भी हुआ।
क्रमशः की शुरूआत पत्नी क्राति कल्पना की प्रेरणा से 2008 में हुई. मकसद अपने पुराने छिटपुट लेखनी को साहित्य समाज में पहचान दिलाने की थी जिसके लिए आज तक संघर्ष कर रहा हूं। ब्लॉगर की फ्री साइट के माध्यम से लिखने और उसे अपने पाठकों तक पहुंचाने की एक सीमा है जिसे जानने के बाद क्रमशः के पेड वेब साइट को आकार दिया गया है। जिसे अभी आप देख रहे हैं।
क्रमशः के क्रम को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ मेरा प्रयास काफी नहीं है इसकी महती जिम्मेदारी पाठकों को भी लेनी होगी। क्रमशः में मेरी कोशिश कविता कहानी और व्यंग्य के साथ-साथ वह सब लिखने की है जिसे मैं महसूसता हूं । क्रमशः सिर्फ मेरा प्लेटफॉर्म नहीं हैं यह आपका भी है अपनी लेखनी से आप भी इसके क्रम को बढा़ सकते इसकी यात्रा का हिस्सा हो सकते हैं। हम आपकी लेखनी को आपके नाम और आपकी पहचान के साथ जगह देंगे। मुझे बेहद खुशी होगी यदि आप मेरे क्रमशः के क्रम को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे। क्रमशः चले…बढे…और बढ़ता रहे इसके लिए आपकी शुभकामनाओं के साथ प्रयास करता रहुंगा…
सादर
मुकेश कुमार