सब ले गए तुम
तो यादें भी ले जाते
तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते
नींद जब ले ही गए तो
बातें…सपने…सूनापन भी ले जाते
खुशबू तो साथ चली गई तुम्हारे
फूल…बाग…बगीचे भी ले जाते
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चौखट…खिड़की…किवाड़ सब ढूंढ़ते हैं तुम्हें
गए तो साथ अपने घर भी ले जाते
मौसम में बहार तो तुमसे ही थी
गए जब तो साथ, सावन…बारिश…बूंदे भी ले जाते
सब ले ही गए तुम
तो यादें भी ले जाते
चाहत…प्यार…परवाह सब पागलपन है
जाना ही था तो थोड़ा रूक कर चले जाते
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