पत्थर

अब 

बेजुबान हैं

यकीन मानो

ये बोलते थे

कभी

बातें करते थे

दूब से

लड़ा करते थे

धूप से

लिपट जाया करते थे

हवाओं से

डूब जाया करते थे

बारिश में

भींग जाया करते थे

शबनम से

बस…

एक फूल के 

मुरझाने से

हो गए हैं 

बेजुबान

ये पत्थर

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