Kavita
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सब ले गए तुम
सब ले गए तुम तो यादें भी ले जाते तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते नींद जब ले ही गए तो बातें…सपने…सूनापन भी ले जाते खुशबू तो साथ चली … Read more
कर्ण मौन हो चुके थे
थे आग्नेयास्त्र की चमक से, आकाश भी पिघल रहे,वीरों के बाण-नाद से, थे वातावरण गूंज रहे। जंगलों में पेड़-पौधे, खुद में थे दुबक रहे,वायु में सैनिकों के, थे प्राण-पखेरू उड़ … Read more
माधव तुम अपराधी हो
दिनकर के सवाल माधव तुम अपराधी होराधेय के तुम घाती हो अर्जुन की खातिर माधव, तुमनेराधेय की बलि चढ़ाई है पार्थ-मोह में अंधे हो तुमने,दिनकर की ज्वाला भड़काई है क्या … Read more
सब ले गए तुम
सब ले गए तुम, तो यादें भी ले जाते तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते नींद जब ले ही गए तो बातें…सपने…सूनापन भी ले जाते ……………. खुशबू तो साथ … Read more
नज़रों की छुअन
बादल पूछते नहीं, हवाओं से पता अपना पहुंच जाते हैं, जिस ठौर भी बरसना होता है …… हालात बदल देते हैं सीरत सूरत की नजरें बेपरवाह भी इशारा समझ लेती है … Read more
शाम संग खेलूं होरी
यमुना के जल में रंग नहीं डारो सखी… डूबना नहीं है मुझे रंगना है होरी सखी… रंग, रंग डारो सखी ऐसे नहीं टालो सखी रंग नहीं घोरना मुझे रंग में … Read more
मैं रेत हूं
घुल जाऊं तो कांच हूं टकराऊं तो चट्टान रिसता रहूं तो समय हूं रिस जाऊ तो काल मैं रेत हूं समय बदल देता हूं …………. नहर, नदी, झील, सागर से … Read more