ट्विन कविता
इंतजार वो छत सर पर बोझ थे उसके पिलर मेरी कोख में गड़े थे सीने पर रखे थे पत्थर हर जगह से मैं टूटी हुई थी फिर भी आंखे खोल … Read more
इंतजार वो छत सर पर बोझ थे उसके पिलर मेरी कोख में गड़े थे सीने पर रखे थे पत्थर हर जगह से मैं टूटी हुई थी फिर भी आंखे खोल … Read more
सब ले गए तुम तो यादें भी ले जाते तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते नींद जब ले ही गए तो बातें…सपने…सूनापन भी ले जाते खुशबू तो साथ चली … Read more
थे आग्नेयास्त्र की चमक से, आकाश भी पिघल रहे,वीरों के बाण-नाद से, थे वातावरण गूंज रहे। जंगलों में पेड़-पौधे, खुद में थे दुबक रहे,वायु में सैनिकों के, थे प्राण-पखेरू उड़ … Read more
दिनकर के सवाल माधव तुम अपराधी होराधेय के तुम घाती हो अर्जुन की खातिर माधव, तुमनेराधेय की बलि चढ़ाई है पार्थ-मोह में अंधे हो तुमने,दिनकर की ज्वाला भड़काई है क्या … Read more
सब ले गए तुम, तो यादें भी ले जाते तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते नींद जब ले ही गए तो बातें…सपने…सूनापन भी ले जाते ……………. खुशबू तो साथ … Read more